यूपी के IAS अधिकारी इन दिनों बेहद परेशान हैं..उनकी परेशानी कीवजह सूचना आयोग का एक फ़ैसला है जिसने उनकी रातों की नीद और दिन का चैनछीन लिया है.....दरअसल आयोग ने माया सरकार से कहा है की वो सभी अफसरों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा वेबसाइट में सार्वजनिक करे ताकि जनता को ये पता चलसके की उनकी सेवा में रखे गए अधिकारिओं की हकीकत क्या है.....यूपी में दागीIAS अफसरों की फेहरिस्त काफी लम्बी है जिन्होंने आय से ज्यादा संपत्तिजमा कर रखी है या फिर उनके भ्रस्टाचार के आरोपों की जांच चल रही है.यूपी में भ्रष्ट आइएएस अफसरों के ख़िलाफ़ मुहीम चलने वाला आइएएस एक्शन ग्रुप भीआजकल अपना मुह बंद किए हुए है
.यूपी के आइएएस अधिकारिओं पे सूचना आयोग की गाज गिरी है...आयोग नेअपने एक महत्वपूर्ण फैसले में राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं की अखिलभारतीय सेवा के सभी अधिकारिओं में सबसे पहले आइएएस संवर्ग के सभी अफसरों कीचल- अचल संपत्ति के पूरा लेखा-जोखा वेबसाइट के जरिये सार्वजनिक किया जाए,आयोग ने सरकार को इसके लिए ६ हफ्तों का टाइम दिया है..आयोग ने कहा है जबचुनाव लड़ने के लिए नेताओं को निर्वाचन आयोग के समक्ष अपना पूरा ब्यौरादेना पड़ता है तो अधिकारिओं पे ये नियम लागु क्यों नही होगा..आयोग कामानना है की प्रजातंत्र में आम जनता से बड़ी कोई जांच एजेन्सी नही है औरअधिकारिओं की संपत्ति का विवरण जानने का पूरा हक़ जनता को है..
अब आया ऊंट के नीचे...यूपी के दागी और बेलगाम नौकरशाहों के लिए आयोगका ये आदेश खतरे की घंटी की तरह है जिसको लेकर वो बेहद परेशान हैं...अभीतक अखिल भारतीय सेवा के ये अधिकारी नियम होते हुए भी अपनी संपत्ति कापूरा ब्योरा शासन को देने में हीलाहवाली करते रहे हैं..ज्यादातर आइएएसअफसरों ने अपनी चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा छिपा रखा है इनमें से कईअधिकारी इस वक्त बेहद संवेदनशील पदों पे हैं..यूपी के मुख्य सचिव अतुलकुमार गुप्ता, नॉएडा के चेयरमैन ललित श्रीवास्तव, गृह सचिव महेश गुप्ता,नॉएडा के पूर्व चेयरमैन देव दत्त, प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी चंचलतिवारी, चंद्र प्रकाश जैसे अधिकारिओं के बारे में नियुक्ति विभाग से जबजानकारी मांगी गई तो पिछले एक साल से वो ये सूचनाएं देने में आना कानीकरता रहा..आखिरकार मामला आयोग के पास पहुंचा तो आयोग ने कड़ी फटकारलगायी..अब राज्य सरकार के पास महज ६ हफ्तों का टाइम है इस सूचना कोसार्वजनिक करने के लिए की यूपी कैडर के आइएएस और आईपीएस अफसरों के पासक्या क्या संपत्ति है...
ये वही उत्तर प्रदेश है जहाँ के दो मुख्य सचिव अखंड प्रताप सिंह औरनीरा यादव पे भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सुप्रीम कोर्ट के कहने पेसरकार ने पद से हटाया..इनमें से अखंड प्रताप के पास से तो कई अरब कीसंपत्ति थी जिसका खुलासा सी बी आई ने सिंह की गिरफ्तारी के दौरान कोर्टमें दिए गए अपने शपथपत्र में कही थी...नीरा यादव पे जब माया सरकार ने हीशिकंजा कसा तो वो वीआरएस लेकर चली गई बीच सेवा उन्होंने नौकरी छोड़दी..नौकरशाही में दागियों का ये आलम है की इस वक्त ९० से ज्यादा अधिकारिओंपे किसी न किसी तरह की जांच चल रही है..यूपी में भ्रष्ट आइएएस अफसरों केख़िलाफ़ मुहीम चलने वाला आइएएस एक्शन ग्रुप भी आजकल अपना मुह बंद किए हुएहै इसकी वजह ये है की इस अभियान के कभी अगुवा रहे विजय शंकर पांडे आजकलमुख्यमंत्री के सबसे खास अधिकारी हैं और हाल ही में पांडे को अपर कैबिनेटसेक्रेटरी बना दिया गया..अब जब भ्रस्टों पे वाकई में शिकंजा कसने की बातआई सबने किनारा कर लिया है..
10 comments:
सुस्वागतम
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ऊंट तो फिर भी पहाड़ से बच निकलते हैं ।
मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
सही तरीके से जाँच की जाये तो पता चलेगा कि नेताओं की संपति इन अधिकारियों की संपति के सामने कुछ भी नहीं।
पर सही जाँच करे कौन? जाँच करने वाले खुद ही बड़े बेईमान निकलेंगे।
आपका स्वागत है।
॥दस्तक॥
गीतों की महफिल
तकनीकी दस्तक
desh ka sab kuchh inke or netaon ke pass hee to hai. ham to kewal narayan narayan bhajte hain
6 हफ्ते तो कुछ भी नही इनके संपत्ति के हिसाब के लिए. शुभकामनाओं सहित स्वागत ब्लॉग परिवार और मेरे ब्लॉग पर भी.
ब्लोगिंग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है. लिखते रहिये. दूसरों को राह दिखाते रहिये. आगे बढ़ते रहिये, अपने साथ-साथ औरों को भी आगे बढाते रहिये. शुभकामनाएं.
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साथ ही आप मेरे ब्लोग्स पर सादर आमंत्रित हैं. धन्यवाद.
माया की माया से तो अच्छे अच्छे नही बच सके
आईएस की तो बात ही क्या है
माया की माया से तो अच्छे अच्छे नही बच सके
आईएस की तो बात ही क्या है
Aise bhrast netaon aur officers ke karan to desh ki ye halat ho rahi hai saab
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