Friday, November 14, 2008

धर्मगुरु या अधर्मगुरु!!!!

मुंबई ATS को मालेगांव धमाकों के सिलसिले में जिस व्यक्ति कोकानपुर से पकड़ा है वो पहली नजर में धर्मगुरु कम कोई बहरूपिया ज्यादा नजरआता है...उसने अपना नाम छिपाया, ...पहचान छिपाई और घर बदला...वाराणसी सेहोते हुए उसका सिरा कानपुर से जम्मू तक निकला...अब ये तथाकथितमहंत...मुंबई पुलिस के हवाले है और उगलेगा अपनी हकीकत की आखिर क्या हैउसकी असलियत और कौन है वो....कोई धर्मगुरु या फिर बहरूपिया....!!
अमृतानंद सरस्वती महराज.....दयानंद पाण्डेय......और अब सुधाकरदुबे...क्या है उस व्यक्ति का असली नाम जिसकी तलाश को लेकर मुंबई और यूपीपुलिस के बीच इतना बखेडा हुआ....क्योंकि मुंबई पुलिस के रिकॉर्ड और अदालतसे लाये गए वॉरंट पे नाम लिखा है दयानंद पाण्डेय का...और कानपुर में वोरह रहा था सुधाकर दुबे के नाम से....एक व्यक्ति और तीन -तीन नाम..बस यहीवो वजह है जिसने यूपी पुलिस को चक्कर में डाल दिया..नाम का ये भ्रम ऐसाथा की गिरफ्तारी से पहले यूपी के आतंकवाद निरोधक दस्ते के मुखिया ब्रजलालको ये कहना पड़ा की जिस व्यक्ति को पकड़ने मुंबई ATS की टीम आई है उसकेपहचान का काम बाकि है....यानि इस बहरूपिये ने दो प्रदेशों की पुलिस कोघुमा के रख दिया....
कानपुर के सबसे पोश इलाके में गिना जाता है रावतपुर..यहाँ पैसे वालोंकी कोठियां हैं....इन्ही में से एक घर में सुधाकर दुबे बनकर पिछले १२वर्षों से रह रहा था ये शख्स...और आसपास के लोगों को इसकी भनक तक नहीलगी....कानपुर वाले घर में अकेले रहता था...हाई प्रोफाइल लोगों काआना-जाना आम था इसके घर में..लम्बी गाड़ियों में मिलने आते थे इसके घरतमाम लोग...आखिर कौन थे वो...ये पड़ोसी भी नही जान पाते थे....व्यवहारऐसा था की किसी को रंच मात्र भी अंदाजा नही था सुधाकर दुबे बना बैठा येशख्स दरअसल मालेगांव के धमाकों की साजिश रचने वालों का मददगारहै...!!..इसलिए जब यूपी की ATS इसके घर पे चढ़ बैठी और पकड़ लायी तब भीलोगों को यकीन नही हुआ..किसी को लगता है तीन नामों वाले इस शख्स कोफंसाया जा रहा है....तो कोई अचरज कररहा है
इस व्यक्ति ने ख़ुद की पहचान किस तरह से छिपा रखी थी इसका अंदाजा इसीबात से लगाया जा सकता है की...अमृतानंद सरस्वती, दयानंद पाण्डेय औरसुधाकर दुबे के नामों वाला ये शख्स दरअसल मूल रूप से वाराणसी का रहनेवाला है...वहां से शिफ्ट होकर वो करीब १२ साल पहले कानपुर आगया....शानदार इलाके में घर बनवाया....और फिर तीन साल पहले चला गया जम्मूके एक मठ में...और बताया ख़ुद को उस मठ का महंत....यानि उसकी पहचान मेंफिलहाल प्राथमिक तौर पे सामने आए हैं यूपी के तीन शहर....अब पुलिस की भीदिलचस्पी उभरी है की इसकी असलियत वाकई में क्या है....
मुंबई ATS का दावा है जिस शख्स को उन्होंने यूपी पुलिस के सहयोग सेपकड़ा है उसका मालेगांव का धमाकों में हाँथ था और उनके पास हैं इसकेप्रमाण जो जरुरत पड़ने पे कोर्ट में पेश करेंगे..छद्म नामों से एक शहर सेदूसरे शहर में रह रहा था..आखिर यूपी पुलिस की खुफिया टीमों को कोई सूचनाक्यों नही मेल पाई...? कानपुर बजरंग दल के लोगों के प्रभाव वाला इलाकामाना जाता है...बम बनातेसमय दो लोगों की मौत के मामले में भीबजरंगियों का नाम सामने आया था...यूपी पुलिस की ये ढिलाई अब उसके लिएशर्मिंदगी की नई वजह बनती जा रही है.....

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