Friday, November 14, 2008

कल्याण की कुसुम

पार्टी विथ डिफरेंस..भारतीय जनता पार्टी का ऐसा स्लोगन है जोज्यादातर मौकों पर उसके लिए फजीहत की वजह बन जाता है..कुछ ऐसा ही आजकलयूपी बीजेपी के साथ हो रहा है...वजह हैं कल्याण सिंह की सबसे खास कुसुमराय...कुसुम बीजेपी से राज्यसभा के लिए नोमिनेट हुई हैं....उनका राज्यसभाजाना तय है..पार्टी के लोग जिन कुसुम राय को स्पेंट फोर्स मान रहे थे..वोअब सदमें में हैं..कल्याण की कुसुम यूपी में फिर से ताकतवर हुईहैं..स्टेट बीजेपी के दिग्गजों के लिए ये हजम करना आसान नही है...लिहाजाआग अन्दर ही अन्दर सुलग रही है...

ये वही कुसुम राय हैं जो कल्याण के साथ यूपी केसियासी जंगल में लापता हो गई थी...कुसुम का एक बार फिर से पुनारुदय हुआहै...वो अब भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य के लिएएक मात्र प्रत्याशी हैं...कुसुम को जीतने के लिए ३७ विधायकों के वोटचाहिए..भाजपा के पास उससे कहीं ज्यादा वोट हैं सदन में..लेकिन मुद्दे कीबात ये है की कुसुम दिग्गजों की उम्मीदवारी पे भरी कैसे पड़ी...प्रदेश सेभेजी गई सूची में लालजी टंडन और केसरी नाथ का भी नाम था लेकिन इनको डरकिनार कर कल्याण फिर से कुसुम के लिए तोहफा ले आए बीजेपी से....अब कुसुमके तेवर देखने लायक हैं..कहती हैं की टंडन जी को तो काफी कुछ मिल चुका हैऔर केसरी नाथ तो चुनाव ही हार जाते हैं
मैडम ने बीजेपी केप्रदेश स्तर के नेताओं को उनकी हैसियत भी याद दिलाना शुरू कर दिया..बोलीजो लोग ये कहते हैं हैं की कल्याण सिंह यूपी बीजेपी के कार्यक्रम मेंशामिल नही होते य्न्हे शायद ये पता नही की बाबु जी राष्ट्रीय स्तर केनेता हैं और उनके पहले से कई प्रोग्राम लगे होते हैं ..जहाँ राष्ट्रियस्तर के नेता आयंगे कल्याण सिंह केवल उन्ही कार्यक्रमों में शिरकाकरेंगे..प्रदेश के बाकि नेता तो मेरे स्तर के हैं...

कुसुम राय वो हैं जिनके लिए कल्याण ने अपनी राजनीति की ऐसी तैसी तककर डाली..भाजपा के शलक पुरूष कहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी को भीचुनातुती दे डाली...और फिर बागी हो गए...बाद में जब विधानसभा चुनाव केपहले अटल जी कल्याण की वापसी करायी तो वो कुछ खास करिश्मा नही करपाए..यहाँ तक की वो अपने बेटे राजवीर को भी नही जीता पाये..भाजपा की यूपीमें बुरी दुर्गति हुई थी विधानसभा चुनाव में..लेकिन कल्याण के मन की कसकगई नही..चुनाव बाद वो फिर से रूठ गए..बीजेपी के कार्यक्रमों में जन बंदकर दिया...नतीजा ये रहा है लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा अपने इस नेता कोनाराज़ नही करना चाहती इसलिए टंडन-केसरी को किसी तरह समझ-बुझा कर शांतकरा दिया गया...लेकिन बाबू जी और कुसुम की जोड़ी फिर आ गई है निशानेपे..टंडन जी सिर्फ़ इतने ही बोले की राज्यसभा की सीटकिसी महिला को दी जनि थी इसलिए कुसुम को टिकट दिया गया..कल्याण के दबावमें नही...
बीजेपी दिग्गज नेताओं के भीतर कुसुम को लेकर आग है लेकिन सभी को अपनीबारी की प्रतीक्षा है...यानि पिक्चर अभी बाकि है मेरे दोस्त.....

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