Saturday, March 21, 2009

माया का मास्टर स्ट्रोक

मायावती ने अपने चुनावी अभियान का श्रीगणेश करने से पहले आज लखनऊ में सूबे के प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की..लम्बे समय से माया की लिस्ट के इन्तेजार में रोजाना अटकलों का बाज़ार गरम रहता था...प्रत्याशियों के चयन में मायावती ने सोशल इंजीनियरिंग का पूरा ध्यान रखा है..८० सीटों वाले सूबे में ब्राह्मण समाज को सबसे ज्यादा १९, उसके बाद दलितों को १७, मुस्लिम प्रत्याशी १७, राजपूत ०७, यादव ०४, और वैश्य समुदाय को मायावती ने ०३ सीटों पर चुनाव मैदान में उतारा है...जाहिर सी बात है है की इस बार भी माया ने ब्राहमणों पर करम किया है......

इस सूची में जो नाम हैं उनमें से कई तो काफी चौंकाने वाले हैं...मसलन, पूरब के घोषित मफियायों हरिशंकर तिवारी के परिवार में बीएसपी ने तीन सीटें दी है, बेटे विनय तिवारी को गोरखपुर और संत कबीर नगर जबकि भतीजे गणेश शंकर पाण्डेय को महराजगंज से बीएसपी ने उम्मीदवार बनाया है..पड़ोस में गाजीपुर से माफिया मुख्तार अंसारी के कहने पर उसके भाई अफजाल और खुद मुख्तार को माया ने वाराणसी सीट से प्रत्याशी चुना है...वाराणसी के पड़ोस में है जौनपुर वहां से कुख्यात माफिया धनञ्जय सिंह, हाथी की सवारी कर रहे हैं..जौनपुर से लगी सीट है फूलपुर यहाँ से कभी जवाहर लाल नेहरु सांसद थे अब अतीक अहमद हैं लेकिन मायावती ने कौशाम्बी के माफिया कपिल मुनि करवरिया को टिकट दिया है..आजमगढ़ से किसी तरह जोड़ तोड़ कर अकबर अहमद डम्पी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे...श्रावस्ती से माफिया रिजवान ज़हीर उन्नाव से अन्ना शुक्ल, बदायूं से डीपी यादव जैसे नामी गिरामी माफिया हाथी के नाम पर वोट मांगते दिखेंगे...

.पैसे वालों पर भी माया की विशेष कृपा है..मेरठ से मलूक नागर, फर्रुखाबाद से नरेश अग्रवाल गौतमबुद्ध नगर से सुरेन्द्र नागर और लखनऊ से अखिलेश दास जैसे धनकुबेर मैदान में उतारे गए हैं..पार्टी के दो बड़े नेता प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या को कुशीनगर जबकि शहीद सिद्दीकी को बिजनोर से टिकट मिला...दलबदलुओं की इस बार माया के घर बहार है....जगदीश राणा को सहारनपुर, मुजफ्फरनगर से कादिर राणा, लखनऊ से अखिलेश दास, नरेश अग्रवाल. देवेन्द्र यादव को एटा, सर्वराज सिंह को आंवला, शाफीकुर्र्रेह्मान को संभल, किरितिवर्धन को गोंडा और शिवाकांत ओझा को प्रतापगढ़ से बीएसपी ने टिकट दिया है..यानी दलबदलुओं की भी इस बार बल्ले बल्ले है..

.इस सूची में एक और ख़ास बात रही है की माया ने इस बार अपनी पार्टी के नेताओं का दबाव एक तरह से स्वीकार कर लिया है..पार्टी ने परिवारवाद को जगह दी है..अलीगढ से मंत्री जयवीर सिंह की पत्नी राजकुमारी सिंह, फतेहपुर सीकरी से मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी सीमा उपाध्याय, शाहजहांपुर से विधायक विजय पाल की पत्नी सुनीता सिंह और सीतापुर से विधायक जासमीर अंसारी की पत्नी कैसर जहाँ को टिकट देकर पार्टी के भीतर की बगावत को शांत करने की कोशिश की गयी है...पार्टी ने अपने बेस वोट बैंक दलित समुदाय में टिकटों के वितरण में ज्यादा सतर्कता बरती है इसलिए एक एक सीटों पर २-३ बार प्रत्याशी बदले जाने के बाद आज अंतिम सूची जारी की गयी....मायावती ने टिकट वितरण में इस बार बाकियों के मुकाबले ब्राह्मणों को ज्यादा तवज्जो को देकर एक फिर १४ फीसदी वाले इस वोट बैंक पर हाथी का जाल फेंका है..

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